Dr. Gagandeep Kang biography in Hindi डॉ गगनदीपकांग (DrGagandeep Kang) भारतीय मुल्क की एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और वायरोलॉजिस्ट हैं, जो क्रिश्चियनमेडिकल कॉलेज वेल्लोर भारत में गैस्ट्रोइंटे
डॉ गगनदीपकांग (DrGagandeep Kang) भारतीय मुल्क की एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और वायरोलॉजिस्ट हैं, जो क्रिश्चियनमेडिकल कॉलेज वेल्लोर भारत में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विज्ञान विभाग में प्रोफेसर हैं। डॉ गगनदीपकांगप्रोफेसर होने के साथ-साथ ट्रांसलेशनलहेल्थसाइंस एंड टेक्नोलॉजीइंस्टीट्यूटफरीदाबाद, विभाग विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारतीय सरकार के संस्थान है, उसमें भी कार्यरत है। इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं डॉक्टर गगनदीपकांग की जीवनी (biography of DrGagandeep Kang in Hindi) जिसके अंतर्गत उनके प्रारंभिक जीवन से लेकर अब तक के सफर के बारे में हम आपको बताएंगे।
डॉक्टर गगनदीपकांग कौन है? (Who is DrGagandeep Kang?
डॉक्टर गगनदीपकांग बच्चों में वायरल संक्रमण और रोटावायरस टीका के परीक्षण की एक प्रमुख शोधकर्ता हैं। रोटावायरस और अन्य संक्रामक रोगों के प्राकृतिक इतिहास को समझने में उनके योगदान के लिए, उन्हें 2016 में जीवन विज्ञान में इंफोसिस पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। वह पहली भारतीय महिला बनी जिन्हें रॉयल सोसाइटी में साथी के तौर पर चुना गया।
DrGagandeep Kang nationality से मूलतः भारतीय हैं। Gagandeep Kang contact details की बात करें तो Twitter पर वह active रहती हैं। Gagandeep Kang Net Worth in 2021 में $1 Million- $5 Million के करीब है।
डॉ॰ कांग ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा – “मैंने एक मरीज के बजाय,जन स्वास्थ्य और संपूर्ण समुदाय के हित में काम करने का सोचा। इस क्षेत्र में मेरी रुचि भी बढ़ी और इसीलिए मैंने गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल शोध छोड़कर इसे आगे बढ़ाने का फैसला किया।“ आइए जानते हैं डॉक्टर गगनदीपकांग की जीवनी (Biography of DrGagandeep Kang in Hindi) के बारे में, जिसे निम्नलिखित रुप से देखा जा सकता है –
डॉ गगनदीपकांग का प्रारंभिक जीवन (Early life of DrGagandeep Kang) :
गगनदीपकांगो का जन्म 9 नवंबर 1962 को शिमला में हुआ।डॉक्टर गगनदीपकांग के पेरेंट्स (Gagandeep Kang parents) की बात करें तो बता दें कि उनकी माता ने उन्हें अंग्रेजी और इतिहास का विषय पढ़ाया था। उनके पिताजी भारतीय रेलवे में मैकेनिकल इंजीनियर के तौर पर काम किया करते थे। इसके अलावा कांग की एक छोटी बहन (Gagandeep Kang sister) भी है, जो पत्रकारिता में कार्यरत हैं।
डॉ गगनदीपकांग की शिक्षा (Education of DrGagandeep Kang) :
गगनदीप की रुचि विज्ञान में 12 साल की उम्र में ही हो चुकी थी, जब उन्होंने जीव विज्ञान, रसायन और भौतिक विज्ञान में प्रयोग किया था। उसके बाद उन्होंने विज्ञान में प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत बैचलर डिग्री क्रिश्चियनमेडिकल कॉलेज वेल्लोर से प्राप्त की और बाद में “मेरी के. स्टेटस” के साथ वेल्लोर कॉलेज ऑफ मेडिसिन हॉस्टन में पोस्ट डॉक्टोरलरिसर्च भी की थी। इन्होंने अपने शिक्षा क्रिश्चियनमेडिकल कॉलेज वेल्लोर,से हासिल की जहां इसने एमबीबीएस, एमडी और पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त की थी।
डॉक्टर गगनदीपकांग की पुस्तक (Book of DrGagandeep Kang) :
डॉक्टर कांग “Till We Win: India’s fight the Covid-19 Pandemic”किताब के सह लेखिका है, जिसे उसने चंद्रकांत लहरिया के साथ जो एक मुख्य भारतीय चिकित्सक, जन नीति और स्वास्थ्य व्यवस्था के विशेषज्ञ हैं और डायरेक्टर ऑफ ऑल इंडिया इंस्टिट्यूटऑफ़मेडिकलसाइंसन्यू दिल्ली के रणदीपगुलेरिया के साथ मिलकर इस किताब को पूरा किया। इस किताब को भारत के प्रमुख प्रकाशक पेंगुइनरेंडम हाउस द्वारा प्रकाशित किया गया था। यह कम समय में सबसे ज्यादा बिकने वाली किताब (best seller book) थी।
डॉक्टर गगनदीपकांग के कार्य और शोध (Career and Research of DrGagandeep Kang) :
गगनदीपकांगमेडिकलसाइंटिस्ट के तौर पर डायरिया और मानव स्वास्थ्य संबंधित विषयों पर 1990 से काम करती आ रही है। वह भारत में रोटावायरस के खतरे और टीकाकरण में एक अंश दाता की कुंजी के रूप में कार्य कर रही है। उनके व्यापक शोध,रोटावायरस रोग की खोज और प्रमाण भारत में फैली इस वायरस का खतरनाक संकेत दिया।
संक्रामक रोगों से अल्प सुरक्षा और टीकों की खोज से संबंधित कार्यों और मुख्य संबंधित टीमों के सुधार में उनका काफी योगदान रहा है। इनकी इन्ही कार्यों की वजह से उन्हे भारत में “टीका धर्ममाता” के नाम से भी जाना जाता है।2020 में वह कोविड-19 वैक्सीन के कार्यकारी सभा के सदस्य रह चुकी है, जिसे रणनीति सरकार के विशेषज्ञ द्वारा वर्ल्डहेल्थऑर्गेनाइजेशन में स्थापित किया गया था।
इन कार्यों के अलावा भी अन्य कार्यों में भी काफी सक्रिय रही है जैसे ग्लोबलहेल्थ सेंटर, ग्रेजुएटइंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल इन डेवलपमेंटस्टडीज में उन्होंने मेंबर ऑफ इंटरनेशनल एडवाइजरी बोर्ड के तौर पर काम किया है। बिल एंड मेलिंडागेट्सफाऊंडेशन मैं भी इन्होंने मेंबर ऑफ द साइंटिफिकएडवाइजरीकमिटी के तौर पर काम किया।
डॉक्टर कांगफ्लोरल सोसाइटी में चुने जाने वाली पहली भारतीय महिला बनी। वह नौवीं ऐसी भारतीय महिला हैं, जिन्हें इंफोसिस प्राइज से पुरस्कृत किया गया था। इसके अलावा पहली भारतीय महिला के रूप में उन्होंने पहचान बनाई, जिसने मेंशंस टेक्स्ट ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन में संशोधन किया।
Omicron variant को लेकर डॉक्टर गगनदीपकांग ने दी जानकारी –
भारत इस वक्त Covidके मामलों में उछाल देख रहा है, खासकर कोरोना के नए Variant Omicron के आ जाने से खतरा और बढ़ गया है। इस कारण अभी डॉक्टर गगनदीपकांग लोगों को Covid-19 Pandemic और कोरोनावायरस के खतरे से सावधान रहने और उससे लड़ने की सलाह देती है। रिपोर्ट के अनुसार डॉ गगनदीपकांग का कहना है कि कोरोनावायरस और इसके विभिन्न रूप यानी वैरीएंट लगातार बढ़ते रहेंगे। अगर हम इससे सावधान नहीं रहते या फिर Corona Protocol का अनुसरण नहीं करते तो यह घातक रूप धारण कर सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक Omicron variant डेल्टा वेरिएंट का बदला स्वरुप है। हालांकि डॉक्टर कांग का कहना है कि Omicron Variant, Delta Variant से कम संक्रामक है। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने यह भी बताया है कि भारत की जनसंख्या भी ज्यादा है पर ज्यादातर लोगों का टीकाकरण हो चुका है। तो इसीलिए हमें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, जैसा कि हमने पहले डेल्टा वेरिएंट में अनुभव किया था।
इसके अतिरिक्त डॉक्टर का कहना है – “हमें इस वक्त जो सबसे ज्यादा समझने की जरूरत है वह यह कि हमारी वर्तमान परिस्थिति पिछले 2 वर्षों की तुलना में थोड़ा बेहतर है और हमारे पास कई संसाधन मौजूद हैं, जिसकी मदद से हम बेहतर समझ सकते हैं कि जांच कैसे की जा सकती है,
इस तरह के उपचार हमारे लिए कैसे कारगर साबित होंगे। खासकर वैक्सिंग के इस्तेमाल और उसका असर जो हमारे लिए उपयोगी साबित होने वाला है, इस बारे में भी हमें जानकारी है।“
Booster dose के बारे में डॉक्टर गगनदीपकांग ने कही ये बातें–
डॉक्टर गगनदीपकांगवैक्सीन (DrGagandeep Kang vaccine) से संबंधित जानकारी भी अक्सर देती रहती हैं।डॉक्टर कांग का तीसरे खुराक या बूस्टरडोज पर कहना है कि हमारे पास जो मौजूदा आंकड़े हैं उसके हिसाब से किस टीका को बूस्टरडोज के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए इसका निर्णय एक चुनौती भरा है। डॉक्टर कांग (DrGagandeep Kang) का यह भी कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 25 दिसंबर यह ऐलान किया है कि फ्रंटलाइनवर्कर और 60 से ज्यादा उम्र वाले व्यक्तियों को प्रिकॉशनरीडोज दिया जाना चाहिए ताकि उनमें लगातार Immunity बनी रहें।
आखिर में डॉ गगनदीपकांग ने यह भी कहा था कि जब तक कोरोना पूरी तरह खत्म नहीं हो जाते, हमें तब तक सावधान और सतर्क रहना जरूरी है और इसके अलावा हमारे नियमित खान-पान पर भी ध्यान देना चाहिए। खासकर हम भोजन में उन चीजों को शामिल करें जिससे हमारे शरीर की Immunity Strong हो ताकि कोरोनाका असर हम पर बिल्कुल ना हो सके। हालांकि कोरोना का संकट पूरी तरह से अभी खत्म नहीं हुआ है इसीलिए यह निवेदन है कि घर पर रहे, नियमित रूप से हाथ की साफ सफाई करें और सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखें और कोरोनागाइडलाइंस का पालन करें।
निष्कर्ष (Conclusion)
हम उम्मीद करते हैं कि आपको डॉक्टर गगनदीपकांग के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त हो गई होगी क्योंकि यहां हमने डॉक्टर गगनदीपकांग की जीवनी (DrGagandeep Kang kijivani) एवं उनके जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण तथ्यों को आपके सामने रखा है। इसके अलावा उनके करियर और पर्सनललाइफ से जुड़ी बातें भी बताई है। इसी तरह की अन्य जानकारी के लिए हमें कमेंटबॉक्स में कमेंट जरूर करें और साथ ही साथ इसे शेयर करना न भूलें।