Merry Christmas 2022

By | December 22, 2021
Merry Christmas 2021

Merry Christmas 2021: जानिए कहां से आया ‘मैरी’ शब्द, हैप्पी की बजाए क्यों कहते हैं मैरी क्रिसमस?

नमस्कार ! सबसे पहले तो आप सभी को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनाएं। जैसे कि हम सभी जानते हैं ईसाई धर्म के लोगों के लिए क्रिसमस के पर्व की महत्ता बेहद ही अधिक होती है। आज के वर्तमान समय में हम यह कह सकते हैं कि ईसाई धर्म के लोग ही नहीं बल्कि आजकल सभी धर्मों के लोग क्रिसमस का पर्व बेहद ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं।

आज हम आपको merry christmas 2021 से जुड़ी सभी जानकारियां देने वाले हैं। क्रिसमस पर्व से जुड़ी सभी जानकारियों को प्राप्त करने के लिए हमारे आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें, क्योंकि हम आपको बताने वाले हैं क्रिसमस की कहानी (story of Christmas) और क्रिसमससेलिब्रेशन (Christmas celebration), जिसके बारे में जानना है आपके लिए बेहद रोमांचक साबित होगा।

क्रिसमस क्या है? (What is Christmas?)

ईसा मसीह या यीशु के जन्म की खुशी में मनाया जाने वाला यह पर्व साल के आखिरी महीने यानी कि दिसंबर में मनाया जाता है। यह पर्व मुख्यता प्राचीन काल में केवल ईसाई धर्म द्वारा ही मनाया जाता था परंतु यह धीरे-धीरे पूरे विश्व में मनाया जाने लगा है। यह पर्व मुख्यतया 25 दिसंबर को ही मनाया जाता है और लगभग 25 दिसंबर के समय में पूरे विश्व में अवकाश रहता है। ब्रिटेन में क्रिसमस दिवस 26 दिसंबर को बॉक्सिंग दिवस के रूप में मनाया जाता है।

क्रिसमस का मतलब क्या होता है? (What is christmas meaning?)

25 दिसंबर को सभी लोग बड़े ही धूमधाम से क्रिसमस मनाते हैं। इस दिन लोगों के अंदर एक अलग ही तरह का उत्साह होता है पर क्या कभी सोचा है कि क्रिसमस का अर्थ  (christmas meaning) क्या होता है? आइए आज जानते हैं क्रिसमस का अर्थ क्या होता है। क्रिसमस शब्द का जन्म क्राइस्टेसमाइसे अथवा “क्राइस्टस् मास” शब्द से हुआ है। क्रिसमस या बड़ा दिन प्रभु के पुत्र ईसा मसीह यीशु  के जन्म की खुशी में उल्लास के साथ मनाया जाता है।

क्रिसमस क्यों सेलिब्रेट किया जाता है? (Why is Christmas celebrated?)

जो लोग क्रिसमस के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, उनके मन में यह प्रश्न तो जरूर उठता है कि Christmas kyonmanayajatahai? तो आइए जानते हैं क्रिसमस मनाने का कारण।ईसाई धर्म में मान्यता के अनुसार प्रभु यीशु मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। इसलिए 25 दिसंबर को ही बड़ा दिन यानी क्रिसमस के तौर पर मनाया जाता है। ईसाई मान्यता के अनुसार यीशु मसीह ने मरियम के गर्भ से आज ही के दिन (25 दिसंबर) उनके घर में जन्म लिया था। इसी कारण से ईसाई धर्म के लोग क्रिसमस मनाते हैं।

इसकेसाथ ही बता दें किप्राचीन कथा के अनुसार मरियम को यह सपना आया था कि उन्हें प्रभु के पुत्र ईसा मसीह को जन्म देने की भविष्यवाणी की गई है और इस सपने के पश्चात मरियम गर्भवती हुई और उनको गर्भावस्था के दौरान बेथलेहम में ही ठहरना पड़ा।

एक दिन जब रात ज्यादा हो गई थी तब मरियम को ठहरने के लिए कोई सही जगह नहीं मिली तब उन्हें एक ऐसी जगह मिली जहां पर लोग पशुपालन करते थे और ठीक उसी के अगले दिन यानी 25 दिसंबर को मरियम ने प्रभु येशु को जन्म दिया। इसी कारणवश आज क्रिसमस का त्योहार मनाया जाता है। कहीं ना कहीं इसी कारण इस दिन को सबसे बड़ा दिन भी कहा जाता है।

क्रिसमस कैसे मनाते हैं? (How to celebrate Christmas at home?)

क्रिसमस मनाने की परंपरा काफी लंबे समय से चलती आ रही है। इन दिनों क्रिसमससेलिब्रेशन काफी धूम धड़ाके के साथ और भी उत्साह एवं हर्ष से मनाया जाता है। केवल बच्चे ही नहीं बल्कि बड़े बूढ़े भी बड़े ही उल्लास के साथ इस पर्व को मनाते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को Christmas images और Christmas wishes आदि भेज कर एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं।

इसके अलावा क्रिसमसडे (Christmas Day) पर क्रिसमसट्री (Christmas Tree) लाकर लोग उसे उपहार, टॉफी, बलून और रंग-बिरंगे कागजों से खूब सजाते हैं। इसके बाद वे पूरे परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर केक काटते हैं और यीशु का जन्मदिन मनाते हुए क्रिसमसडे का भरपूर आनंद लेते हैं। इस बार Christmas Day 2021 में आप भी अपने दोस्तों, रिश्तेदारों आदि को Merry Christmas 2021 wishes कर अपने क्रिसमस को और भी मजेदार बना सकते हैं।

क्रिसमस का पर्व कब से कब तक मनाया जाता है? (How long is Christmas celebrated?)

क्रिसमस का पर्व मुख्यता 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक मनाया जाता है।हालाँकि, पोपजूलियसI ने 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने के दिन के रूप में निर्धारित किया था, जो कई लोगों का मानना ​​​​है कि उसी समय हो रहे सैटर्नलिया त्योहार के साथ मेल खाना था। इसे “जन्म का पर्व” कहा जाता था और जल्द ही मिस्र में 432 में और इंग्लैंड में छठी शताब्दी के अंत तक मनाया जाने लगा। बुतपरस्त शब्द वास्तव में “फ़ील्ड” के लिए लैटिन है और इसे ऐसे लोग माना जाता था जो कुछ स्थानीय या क्षेत्रीय धार्मिक पंथों से रहते थे।

क्रिसमस की कहानी क्या है? (What is the story of Christmas?)

क्रिसमस की कहानी या क्रिसमस का इतिहास (history of Christmas) की बात करें तो बता दें कि ईसाई पौराणिक कथा के अनुसार प्रभु ने मैरी नामक एक कुंवारी लड़की के पास ग्राम ग्रैबियल नामक अपना एक देवदूत भेजें ग्रैबियल ने मैरी को बताया कि वह प्रभु के बच्चे की मां बनने वाली है और बच्चे का नाम यीशु होगा और वह बड़ा होकर राजा बनेगा और उस बच्चे का नाम यीशु रखा जाएगा। जिस रात यीशु का जन्म होने वाला था उसी रात कुछ नियम लागू हुए थे उस नियम के अनुसार अपने नाम का पंजीकृत कराने के लिए पति पत्नी मेरी और जोसेफबेथलेहम जाने के लिए निकले थे परंतु आराम के लिए उन्होंने एक अस्तबल में शरण ली जहां मैरी ने आधी रात को यीशु को जन्म दिया था और उस वक्त जो सिर्फ अपने यीशु को एक नाद में लिटा दिया इसी प्रकार प्रभु के पुत्र यीशु का जन्म हुआ और क्रिसमस के पीछे की कहानी यही है।

क्रिसमस कैसा त्योहार है? (What kind of festival is Christmas?)

यदि क्रिसमस त्योहार के बारे में पूछा जाए तो बता दें कि क्रिसमस विशुद्ध रूप से एक मूर्तिपूजक त्योहार है (Christmas is purely a pagan festival.)। यहां तक ​​​​कि क्रिसमस में अंडे के छींटे और परिवार के साथ समय के साथ, शराब और तबाही के बजाय, कई लोग क्रिसमस को मूर्तिपूजक गतिविधियों में भाग लेने के लिए कफन के रूप में देखते हैं।

यह ध्यान दिया जाता है कि बाइबिलक्रिसमस का कोई उल्लेख नहीं करता है और विशेष रूप से प्यूरिटन ने बताया है कि यीशु का जन्म शायद वसंत ऋतु में चरवाहों के कारण हुआ था, जो रात में गर्म तापमान में अपने झुंडों को देखने की संभावना से अधिक थे। ईस्टर को एकमात्र सच्चे ईसाई अवकाश के रूप में देखा गया था जिसे प्रारंभिक चर्च द्वारा मान्यता दी गई थी।

क्रिसमस का क्या महत्व है? (What is the importance of Christmas?)

क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें याद दिलाता है कि यीशु, जो ईश्वर के पुत्र हैं, वह मानव जाति के लिए पृथ्वी पर आए थे, जो ज्ञानी पुरुषों और चरवाहों की यात्राओं के प्रतीक थे। मुश्किलों के बावजूद मरियम और जोसफ दोनों का परमेश्वर में दृढ़ विश्वास था। क्रिसमस का महत्व की बात करें तो यह दिन ईशु के लिए प्रेम, लोगों के प्रति मानवीय भाव आदि के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।

क्रिसमस के उपलक्ष्य में कुछ बातों के अंतर्गत यह भी शामिल है कि इस दिन की कुछ पुरानी बातें जैसे निकोलस गरीबों में उपहार बांटते थे। इस दिन ईसा मसीह की बताई गई बातों को पढ़ा जाता है और उसका अनुसरण किया जाता है। अभी भी कुछ लोग सेंटा बनते हैं और उपहार के रूप में खुशियां बांटते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

आज हमने इस आर्टिकल में आपको क्रिसमस पर्व से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध कराई है। हम आशा करते हैं कि हमारा आज का यह आर्टिकल आपके लिए बेहद ही सहायक रहा होगा। इसके साथ ही साथ हमने आपको ईसाई धर्म में क्रिसमस को लेकर भाईचारे की भावना भी बताई है। इसी प्रकार की और भी जानकारियों के लिए हमारे अन्य आर्टिकल जरूर पढ़ें।

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