Gaganyaan Mission

By | November 26, 2021
Gaganyaan mission

Gaganyaan Mission

Chandrayan-2 के लॉन्च होने की तारीख के साथ-साथ अंतरिक्ष से संबंधित सरकार द्वारा एक और खबर दी गई है जो हमारे देश के लिए कीर्तिमान और गर्व की बात होगी। बता दें कि भारत सरकार के घोषणा के बाद अब साल 2022 मेंलांच होने जा रहा है गगनयान मिशन (Gaganyaan Mission), जो अंतरिक्ष से संबंधित एक ऐसा मिशन है, जिसके अंतर्गत भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) के द्वारा स्पेस यानी अंतरिक्ष में एक यान भेजा जाएगा।

यदि आप जानना चाहते हैं कि Gaganyaan Mission kyahai? तो निश्चिंत रहिए क्योंकि इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको इस मिशन से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत करवाने वाले हैं जिसके अंतर्गत Gaganyaan Mission launch dateके अलावा इस मिशन से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियों से आप अवगत हो सकेंगे।

Gaganyaan Mission in Hindi

Gaganyaan Mission in Hindi के इस आर्टिकल में हम आपको बता दें इस मिशन के अंतर्गत रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जा रहा है कि एक अंतरिक्ष यान के द्वारा मानव को अंतरिक्ष में भेजने की योजना तैयार की जा रही है।

मिशन के द्वारा यान के जरिए तीन लोगों को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा और कुछ दिनों तक वे यात्री यान में बैठकर पृथ्वी के चक्कर लगाएंगे। भारत के द्वारा शुरू की जा रही इस मिशन पर दुनिया की सारी अंतरिक्ष एजेंसियों की नजर है। बता दें कि गगनयान दो शब्दों को मिलाकर बना है, जो कि गगन और यान है। गगन का अर्थ “अंतरिक्ष” और यान का अर्थ “वाहन” होता है।

गगनयान मिशन कब लॉन्च होगा? (When will Gaganyaan mission launch?)

Gaganyaan Mission Launching dateकी बात करें तो बता दें कि गगनयान मिशन की तैयारी बहुत लंबे समय से चल रही है और अब इंतजार खत्म हो गया हैं। मिशन को साल 2022 में लॉन्च किया जाएगा।

हालांकि किस महीने में गगनयानलॉन्च होगा, इसके बारे में अभी कोई भी पुख्ता जानकारी नहीं दी गई है। कोरोना महामारी का असर गगनयान मिशन पर भी पड़ा है, जिसके कारण गगनयान मिशन के लॉन्च की तारीख आगे बढ़ा दी जा सकती है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि गगनयान मिशन को साल 2022 मे ही लॉन्च कर दिया जाएगा।

गगनयान मिशन का इतिहास क्या है? (What is the history of Gaganyaan Mission?)

Gaganyaan Mission को शुरू करने का फैसला लगभग 14 साल पहले 2006 में ही किया गया था। सबसे पहले इस यान के लिए डिजाइन तैयार किया गया था और इस मिशन को किस तरह से अंजाम दिया जाएगा इसकी पूरी योजना बनाई गई थी।

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योजना को बनाने के बाद इसे सरकार के सामने प्रस्तुत किया गया था, जिसके बाद भारत सरकार ने गगनयान मिशन को लॉन्च करने की मंजूरी दे दी थी। भारत के इस मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम को साल 2008 में सरकार से मंजूरी मिली और मंजूरी देने के ठीक 1 साल बाद ही भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए सरकार को इसके खर्च के लिए आग्रह किया गया था।

गगनयान मिशन की अवधि कितनी है? (What is the duration of Gaganyaan mission?)

Gaganyaan mission duration की बात करें तोगगनयान मिशन की अवधि 5 से 7 दिन की होगी। जब इस यान को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा तो यहां से अंतरिक्ष में भेजे गए टीम को धरती के पूरे चक्कर लगाने होंगे। इस यान में बैठे तीन से चार लोग 5 से 7 दिनों तक इस यान में ही रहेंगे। इस अवधि को पूरा करने के बाद ही इस यान को वापस धरती पर लाया जाएगा।

हालांकि गगनयान कार्यक्रम की औपचारिक घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 15 अगस्त 2018 को ही स्वतंत्रता दिवस भाषण समारोह में ही कर दी थी। किंतु अब मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन को 15 अगस्त 2022 को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ से पहले अंजाम दिए जाने का विशेष लक्ष्य निर्धारित किया गया हैं।

गगनयान मिशन की लागत कितनी है? (What is the cost of Gaganyaan Mission?)

भारत के इस प्रथम स्वदेशी मानव मिशन Gaganyaan Mission 2022 की लागत (Gaganyaan Mission cost) करीब 10 हजार करोड़ रुपए हैं। गगनयान के जरिए 2022 में अंतरिक्ष में में यात्री भेजे जाएंगे जो भारत का प्रथम मानव सहित अभियान है।

बीते गुरुवार को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह जी ने बताया कि Gaganyaan Mission 2022 के लिए एक विशेष सेल का निर्माण किया गया है, जिसका नाम गगनयान राष्ट्रीय सलाहकार परिषद हैं। इस मानव अंतरिक्ष यान का संचालन विशेष रूप से बनाए गए गगनयान सलाहकार परिषद् द्वारा ही की जाएगी।

गगनयान मिशन में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों का विवरण (Details of Astronauts going to Gaganyaan Mission)

Gaganyaan Mission में भारत से जा रहे यात्रियों के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित लोगों को ही इस यान के लिए चुना गया हैं। अभियान के लिए इंडियन एयरफोर्स के चार विशेष रूप से प्रशिक्षित पायलट को चुना गया हैं। रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान समय में वे जवान बीते साल फरवरी से ही मास्को के नजदीक यूरीगगारिनरिसर्चऐंडटेस्टकॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर (Yuri Gagarin Research And Test Cosmonaut Training Centre) में अंतरिक्ष से जुड़ी विशेष तकनीकों का प्रशिक्षण ले रहे हैं।

गगनयान मिशन-2022 का नेतृत्व करने वाली महिला वैज्ञानिक (The woman scientist who lead the Gaganyaan mission-2022)

भारतीय नागरिक अंतरिक्ष मिशन (ह्यूमनस्पेस फ्लाइट प्रोग्राम) का नेतृत्व करने के लिए महिला वैज्ञानिक वी. आर. ललितांबिका को चुना गया है। उन्होंने भारत के रॉकेट प्रोग्राम में अपना विशेष योगदान दिया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के चेयरमैन ने लॉन्चवीइकलटेक्नॉलजी में ऐस्ट्रोनॉटिकलसोसायटी ऑफ इंडिया से सम्मानित ललितांबिका को इस मिशन के लिए चुना है।

अंतरिक्ष में मानव को पहुंचाने वाला चौथा देश बनने की दिशा में चलाए जाने वाले मिशन का नेतृत्व महिला वैज्ञानिक वीआरललितांबिका ही करेंगी। इससे पहले ललितांबिका जी विक्रम साराभाईस्पेस सेंटर (VSSC) तिरुवनंतपुरम में डिप्युटी डायरेक्टर के पद पर अपनी सेवा दे चुकी हैं।

गगनयान मानव मिशन से जुड़ी विशेष बातें (Facts related to Gaganyaan Mission)

गगनयान मिशन में विशेष रूप में महत्त्वपूर्ण भाग क्रूमॉड्यूल है। यह एक ऐसा स्पेसकैपसूल है, जिसके अंदर इंसानों को ले जाने की क्षमता है। भारतीय रिसर्च अनुसंधान संस्थान ने एक प्रोटॉटाइप के जरिए पृथ्वी के वातावरण में दोबारा प्रवेश करते हुए घर्षण के बीच थर्मलहीट के साथ इसका सफल प्रदर्शन किया था। बीते साल जुलाई में भारतीय रिसर्च अनुसंधान संस्थान ने पैडअबॉर्टटेस्ट (PAT) का भी परीक्षण किया था।

हालांकि इस प्रक्रिया द्वारा क्रूमॉड्यूलरॉकेट से बाहर निकल आता है। इस नाकामयाब प्रशिक्षण के पश्चात अब दोबारा फिर से इसे विशेष रुप से सुनिश्चित कर सफलतापूर्वक क्रूमॉड्यूल को रॉकेट से बाहर निकालने की जिम्मेदारी महिला वैज्ञानिक वीआरललितांबिका जी को दिया गया हैं।

अब देखना यह है कि वह किस प्रकार इस जिम्मेदारी का निर्वहन करती है। हालांकि इस अभियान के नेतृत्व करने के फलस्वरूप उन्हें अन्य भी कई जिम्मेदारियां मिली है। प्राइवेट संस्थानों, विशेष शिक्षाविदों, भारतीय वायुसेना, डीआरडीओ और विदेशी संस्थानों को गगनयान मिशन से मुख्य तौर पर सम्मिलित करने का काम उन्हें ही दिया गया हैं।

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