DAKOR MANDIR DARSHAN TIME TABLE
डाकोर मंदिर की जानकारी
दोस्तों कैसे है आप आशा करता हु आप सभी ठीक होंगे , दोस्तों आज में आपको डाकोरजी धाम तीर्थ स्थल के बारे में बताने वाला हु
जैसे की डाकोर मंदिर का दर्शन का टाइम क्या है . यहाँ कैसे पंहुचा जा सकता है . और इस मंदिर की रॉज=हक़ तथ्य बताने वाला हु जिसे जानकर आप इस मंदिर में घूमने आने का प्लान कर रहे है तो आपको साडी जानकारी होना जरुरी है,जब आप यह घूमने आये तो आपको यहाँ घूमने में कोई परेहनी नहीं हो इसलिए ये आर्टिकल आप पूरा पढ़िए और जानिए प्रभु श्री कृष्णा की नगरी के बारे में
डाकोर किले की जानकारी
मंदिर किले की मुख्य दिवार से घिरा हुआ है . डाकोर मंदिर मुख्या बाजार के बिच गोमती तालाब के तात के समीप स्तिथ है मंदिर ८ गुम्बज और २४ बुर्जो से ढाका हुआ है जिसके केंद्रीय गुम्बज की उचाई २७ मीटर है सुनहरे कलस और रेशमी सफ़ेद झंडे के सतह ताज पहनाया गया है यह खेड़ा जिले का सबसे ुचा मंदिर है मुख्या गुम्बद की कार्यशैली महाराष्टीय है मुख हॉल में भगवन श्री कृष्णा की जीवन शैली को दर्षाने वाले चित्र है
डाकोर मंदिर की प्राचीन मान्यता
ऐसा माना जाता है की भगवन श्री ककृष्णा का एक नाम रणछोड़ जी भी है जिसका अर्थ है की जिसने युद्ध के मैदान को छोड़ दिया हो पौंआ के पेशवा के दरबार के एक कर्मचारी गोपाल जग्गात्नथ ने एक विशाल मंदिर बनाए के सपने के साथ विशाल मंदिर बनाए का सांकल लिया था , डाकोर मंदिर का निर्माण संन १७७२ इ में किया गया है रणछोड़राय जी मूर्ति काळा रंग की १ मीटर लम्बी और ४५ सेंटीमीटर चौड़ी है सोने के गहनों और महंगे कपड़ो से सजी हुई मूर्ति मनो श्रीकृष्ण जी के साक्षात् दर्शन हो गए इसका सिहासन चंडी और सोने में मढ़वाया हुआ है और यह बरोदा के गायकवाड़ राजा द्वारा भेट दिया गया है
ऐसी मान्यता है की प्राचीनकाल में दनकृशि ने तपस्या करके महदेव जी को प्रश्न किया गोमती तालाब के तात पर श्री महादेव जी का मंदिर है जिसे डंकनाथ महादेव कहते है इसी से इस नगर का नम्म पहले डंकपुर हुआ करता था लकिन इसे आज डाकोर के नाम से जाना जाता है
गेट के ऊपरी कक्ष में एक संगीत कक्ष है जहा हर ३ घंटे के बाद सहने और ढोल बजाय जाता है श्री भलंदराव और इस मंदिर के निर्माता इनामदार ताम्बेकर और उनके बंसज आज भी इस मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहे है कई लोगों के लिए, चंपावतीबेन तांबेकर द्वारा गाए गए भक्ति गीतों को सुनना एक बहुत ही खास अनुभव होता है।
पूनम के दिन यह बहुत बड़ा मेला लगता है और आसपास के गावो से बहुत ही सकन्हया में लोग आते है दर्शन करने के लिए
डाकोर मंदिर कहा स्तिथ है
डाकोर मंदिर गुजरात के खेड़ा जिले में स्तिथ है और इसकी नदिअद से दुरी मात्र ३० किलोमीटर है
मुख्य शहरो से दुरी
दोस्तों में आपको यह कैसे पंहुचा जा सकता है वह बताता हु या आप बस और ट्रैन के माधयम से पहुंच सकते है या अपना खुदका प्राइवेट वहां लेकर आप यह पहुंच सकते है में आपको यह से मुख्या शहरो की दुरी बता देता हु जिस से आपको यह पहुंचने में आसानी हो
- अहमदाबाद से डाकोर की दुरी ८३ किलोमीटर है यह आप अहमदाबाद से डायरेक्ट बस से पहुंच सकते है
- वड़ोदरा से डाकोर की दुरी ७२ किलोमीटर है यह भी आप डायरेक्ट वड़ोदरा से बस के माध्यम से पहुंच सकते है
- राजकोट से डाकोर की दुरी २७० किलोमीटर है
- प्रसिद्ध महाकाली पावागढ़ तीर्थ से डाकोर की दुरी ७१ किलोमीटर है
DAKOR MANDIR DARSHAN TIME TABLE
डाकोर मंदिर में सुबह की आरती 6.४५ब से लेकर ७ बजे तक चलती है
बालभोग आरती 7.३० से लेकर 8.२० बजे तक चलती है
श्रृंगार आरती ९ बजे से लेकर 9.४५ तक चलती है
ग्वालभोग आरती 9.४५ से लेकर 10.३० बजे तक चलती है
मंदिर में दर्शन का समय 10.३० से लेकर १२ बजे तक है उसके बाद मंदिर शाम ४ बजे खुलता है और फिर आप शाम ७ बजे तक दर्शन कर सकते है
DAKOR MANDIR PARKING
डाकोर मंदिर में आने वाले लोगो के लिए पार्किंग मंदिर से २०० मीटर की दुरी पर उपलभ्द है जहा आप बस कार और बाइक्स पार्किंग कर सकते है
DAKOR ME REHNE KI SUVIDHA
डाकोर में दूर शहरो से आने वालो के लिए होटल की सुविधा उपलब्ध है यह आप रात्रि विशरम कर सकते है डाकोर मंदिर से १ किलोमीटर की दुरी पर आप को रति विश्राम के लिए बहुत से होटल और लॉज मिल जायेंगे
दोस्तों आपको डाकोर के बारे में जानकारी किसी लगी जरूर कमेंट कर के मुझे बताये
धन्यवाद