Bipin Rawat biography in hindi
नमस्कार ! आपका स्वागत है हमारे आर्टिकल में जहां हम लेकर आए हैं एक बेहद शानदार शख्सियत की जीवनी, जिन्होंने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया और अंत में एक ऐसा मुकाम हासिल किया जो बेहद सराहनीय है। CDS Bipin Rawat biography in Hindi के बारे में हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने वाले हैं जहां उनके प्रारंभिक जीवन से लेकर Bipin Rawat career और उनके अब तक के सफर की पूरी जानकारी देंगे। तो आइए जानते हैं इस खास शख्सियत के बारे में जिन्हें पूरी दुनिया कभी नहीं भूलेगी और सदैव अपने हृदय में बसाई रखेगी।
Bipin Rawat कौन थे? Bipin Rawat biography in Hindi
CDS Bipin Rawat की बात करें तो आज वह किसी के पहचान के मोहताज नहीं हैं। इतने बड़ी शख्सियत Bipin Rawat का जन्म (birth date of Bipin Rawat) उत्तराखंड के देहरादून में 16 मार्च 1958 ईस्वी में हुआ था। बिपिन रावत के पिता जी का नाम लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत था और वह भी फौज में थे। विपिन रावण के पिता को एस रावत के नाम से जाना जाता था और वे लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। विपिन रावत का बचपन शुरुआती समय से ही फौजियों के बीच गुजरा था एवं उनकी पढ़ाई शिमला के सेंट पॉल स्कूल में हुई थी। अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी में एडमिशन लिया जहां पर उनकी परफॉर्मेंस को ध्यान में रखते हुए उन्हें SWORD OF HONOUR नामक सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया। उसके बाद उन्होंने अमेरिका जाकर Higher Defence की study के लिए Defence Services Staff College से अपना ग्रेजुएट पूरा किया इसके अलावा उन्होंने हाई कमांड कोर्स भी किया।
Bipin Rawat का करियर कैसा था? (How was Bipin Rawat career?) Bipin Rawat biography in Hindi
बिपिन रावत को 16 दिसंबर 1978 ईस्वी को सेना के ऐतिहासिक 11 गोरखा राइफल के 5 वीं बटालियन में शामिल कर लिया गया और उनकी पहली पोस्टिंग मिजोरम में दी गई जहां पर उन्होंने अपने बटालियन का नेतृत्व भी किया था। इसी जगह से बिपिन रावत का सैन्य सफर शुरू हुआ। यहां पर उन्हें कई तरह के सेना के नियम को सीखने का मौका मिला। सेना के किसी टीम को किस प्रकार वर्क करना चाहिए यह भी उन्हें समझने का अवसर मिला।
अपने इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि गोरखा में रहते हुए उन्होंने जो कुछ भी सीखा वह सब उन्हें और कहीं सीखने को नहीं मिला। गोरखा में उन्होंने आर्मी की नीतियों को समझा एवं उसके निर्माण कार्य भी किया । इसी समय उनकी पूरी बटालियन को उत्तर पूर्व का सबसे सर्वश्रेष्ठ बटालियन में चुन लिया गया। इस बटालियन में रहते हुए विपिन रावत ने कई सारे बड़े-बड़े युद्ध एवं काउंटर विरोधी अभियानों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इन सब चीजों के तहत उन्हें आक्रमक नीतियां एवं युद्ध की डिफेंस बनाने में काफी लंबा अनुभव मिला था।
Pradhanmanti Gati shakti yojana
विपिन रावत को आर्मी में कई सारे बटालियन के लिए काम करने का मौका मिला जहां उन्हें भिन्न-भिन्न जगह की युद्ध नीति एवं सुरक्षा नीति का अनुभव हुआ। उन्होंने जब Infantry, Battalion में काम किया तब उन्हें Line of Actual Control का बहुत अधिक अनुभव मिला, कश्मीर घाटी में 19 Infantry Division जिन्होंने कई सारे operations को अंजाम दिया उनके साथ काम करते हुए उन्हें कश्मीर की सुरक्षा नीति को पूरी तरह से समझने का अवसर मिला।
इन सबके अलावा बिपिन रावत ने GOC-C Southern Command, आर्मी के III Corps, Military Operations Directorate, IMA Dehradun जैसे तरह-तरह के महत्वपूर्ण विभागों के लिए काम किया। उन्होंने सेना प्रमुख के पद पर आने से पहले सहसेना अध्यक्ष एवं दक्षिणी कमान के कमांडर का भी पदभार संभाला था।
बिपिन रावत के कार्य क्या थे? (What was the Bipin Rawat work in Hindi?) Bipin Rawat biography in Hindi
बिपिन रावत ने केवल भारत में ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर में भी अपनी सेवा दी है। उन्होंने UN मिशन में सेक्रेटरी जनरल के साथ-साथ कांगो में मल्टी नेशनल बिग्रेड की कमान संभालने और फोर्स कमांडर जैसे महत्वपूर्ण पद को संभाला था। कांगो के UN Mission में अपनी सेवा देने के दौरान उन्होंने 7000 लोगों की जान बचाई थी।
Bipin Rawat का सेना आर्मी चीफ तक का सफर कैसा था? (How was the journey of Bipin Rawat to Army Chief?) Bipin Rawat biography in Hindi
विपिन रावत के द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा नीति के ऊपर लिखे गए अनेकों लेख पूरे दुनिया भर के कई जर्नल्स में प्रकाशित हो चुके हैं। 31 दिसंबर 2016 को रावत को सेना का प्रमुख बनाया गया था । यह पद उनके जीवन का सबसे अहम पद था। Rawat ने इस पद पर बैठने के बाद पूरे भारतवर्ष में अपनी एक खास एवं अलग पहचान बना ली थी और वह भारतीय सेना के 27वें प्रमुख बन गए थे। उन्होंने 1 जनवरी 2017 को इस पद की कमान संभाली थी। विपिन रावत से पहले इस पद पर दलबीर सिंह सुहाग थे।
बिपिन रावत का देश के पहले CDS अधिकारी के रूप में भूमिका क्या थी? (What was the role of Bipin Rawat as the country’s first CDS officer?) Bipin Rawat biography in Hindi
बिपिन रावत ने 31 दिसंबर 2019 को सेना आर्मी चीफ के पद से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने देश के पहले CDS अधिकारी की कमान अपने हाथों में ले ली। विपिन रावत व पहले इंसान थे जो भारतीय CDS अधिकारी यानी कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अधिकारी बने थे। यह पद थल सेना, नौसेना एवं वायु सेना इन तीनों के बीच में एकता का काम करता है। इसके अलावा CDS गृहमंत्री एवं रक्षा मंत्री का मुख्य सलाहकार भी होता है।
बिपिन रावत को कौन-कौन से पुरस्कार प्राप्त हुए? (Which awards did Bipin Rawat get?) Bipin Rawat biography in Hindi
इन सब के अलावा विपिन रावत को कई सारे पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका था। बिपिन रावत ने अपने सभी पदों का पदभार संभालते हुए परम विशिष्ट सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, सेना पदक, युद्ध सेवा पदक, सेना पदक, युद्ध सेवा पदक एवं विशिष्ट सेवा पदक जैसे पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।
बिपिन रावत की मौत कैसे हुई? (How did Bipin Rawat die?) Bipin Rawat biography in Hindi
Tamilnadu Helicopter Crash, CDS Bipin Rawat की खबरें सोशल मीडिया का चर्चा बनी हुई है। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी समेत अन्य अधिकारी को सेना के हेलीकॉप्टर में ले जाया जा रहा था। या हेलीकॉप्टर तमिलनाडु के कन्नूर में बुधवार को क्रश हो गया। यह बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर में 14 लोग सवार थे जबकि 11 लोगों के शव बरामद हुए हैं। इन 11 लोगों के शव को अभी मिलिट्री हॉस्पिटल वेलिंगटन (Military Hospital Wellington) में रखा गया है।
बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर ने कहां से भरी थी उड़ान? (From where did Bipin Rawat’s helicopter take off?)
विपिन रावत एक लेक्चर सीरीज के लिए ऊटी वेलिंगटन गए थे। विपिन रावत के साथ उनकी पत्नी एवं ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी भी मौजूद थे। वे सुलुर से कन्नूर जा रहे थे और उन्हें कन्नूर से दिल्ली के लिए उड़ान भरना था।
बिपिन रावत के मौत से जुड़े जांच के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? (What steps are being taken for the investigation related to the death of Bipin Rawat?)
IAF ने जांच के आदेश दिए हैं क्योंकि हादसे की वजह अभी तक साफ नहीं हुई है। जब भी कोई वीवीआइपी हेलीकॉप्टर में होते हैं तो उस हेलीकॉप्टर को उड़ाने के कुछ अलग नियम होते हैं। यह कहा जा रहा है कि सेना के कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में आने वाले समय में हादसे की वजह पता चल जाएगी। भारतीय वायु सेना ने इस मामले को लेकर जांच के आदेश दिए हैं।
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा क्योंकि हमने Bipin Rawat ki jivani Hindi mein से संबंधित पूरी जानकारी दी है, जिसमें विपिन रावत के शुरुआती जीवन से लेकर उनके अब तक के सफर को क्रमानुसार बताया गया है। इसी तरह के अन्य पोस्ट पाने के लिए हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करें ताकि हम आपके लिए और भी कई मशहूर शख्सियत की जीवनी लेकर आ सकें।