कैसे फैलता है Monkeypox? कितना खतरनाक है और आपको किन चीजों से रहना है सावधान? जानें लक्षण और बचने का तरीका
नमस्कार दोस्तों! यूरोप से अमेरिका तक के देशों में मंकीपॉक्स का कहर चारों ओर फैला हुआ है, जो कोरोना महामारी का एक नया वेरिएंट है। WHO की जानकारी के मुताबिक अब तक 12 देशों में मंकीपॉक्स वायरस के लगभग 92 मामले देखे जा चुके हैं, जो हैरान कर देने वाले हैं। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने वाले हैं monkeypox virus kya hai के बारे में पूरी जानकारी, जिसके अंतर्गत मंकीपॉक्स वायरस के कारण, लक्षण और मंकीपॉक्स वायरस के बचाव के बारे में भी पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। मंकीपॉक्स वायरस के बारे में जानने के लिए आर्टिकल के एंड तक बने रहें और जुड़े रहे हमारे साथ।
मंकीपॉक्स वायरस :
पिछले 2 सालों से लगातार पूरी दुनिया कोरोनावायरस से जूझ ही रही थी और अब यह एक नया मंकीपॉक्स वायरस का संक्रमण सामने आ चुका है। मंकीपॉक्स वायरस एक ऑर्थोपॉक्सवायरस संक्रमण महामारी है, जो चिकनपॉक्स या चेचक के सामान देखने में लगती है। इस महामारी को सबसे पहले बंदरों के शरीर में 1958 में देखा गया था। इसी कारण इस महामारी का नाम मंकीपॉक्स वायरस रखा गया। मंकीपॉक्स वायरस की यह महामारी सर्वप्रथम 1970 में एक मानव के शरीर में देखा गया था। मंकीपॉक्स वायरस को महामारी का नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह बहुत ही जल्द एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रमित हो जाता है। वर्ल्डहेल्थआर्गेनाईजेशन (WHO) के अनुसार अब तक 70 से अधिक देशों में यह महामारी फैल चुकी है और लगभग 14,000 कैसेस सामने आए हैं।
मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण होने के कारण :
मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण के निम्नलिखित कारण हैं –
- दोस्तों जैसे कि हमने आपको बताया कि मंकीपॉक्स वायरस एक महामारी है, जो कि आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल जाती है। यह ज्यादातर जानवरों जैसे चूहा, कुत्ता तथा गिलहरियों के माध्यम से बहुत जल्द ही फैलते हैं। यह महामारी शरीर में छोटे-छोटे घाव के समान दिखाई देते हैं, जो कि शरीर के तरल पदार्थ, स्वसन, कपड़े, बिस्तर आदि के संक्रमण में आने से फैलते हैं।
- यदि किसी व्यक्ति को मंकीपॉक्स वायरस है और कई दिनों से इस व्यक्ति की देखभाल कोई व्यक्ति कर रहा है तो उस व्यक्ति को भी इस वायरस के संक्रमण होने की संभावनाएं हैं। जैसा कि मंकीपॉक्स संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है, इसलिए मंकीपॉक्स संक्रमण के कारण फैल सकता है।
- सेक्सुअलरिलेशनशिप्स में मंकीपॉक्स वायरस के फैलने का खतरा रहता है। वर्ल्डहेल्थऑर्गनाइजेशन के प्रमुख सदस्य डेविडहैमन ने समाचार पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण को समझने का आसान तरीका यह है कि यह यौन संक्रमण के जरिए फैलता है। यदि किसी व्यक्ति को मंकीपॉक्स वायरस है और यह किसी दूसरे व्यक्ति के साथ संबंध बनाता है तो संबंध बनाने के कारण दूसरा व्यक्ति भी इस महामारी की चपेट में आ जाता है।
- इस महामारी से पीड़ित व्यक्ति के छींकने और सांस लेने-छोड़ने से भी मंकीपॉक्स वायरस फैलता है। इसलिए मंकीपॉक्स वायरस से पीड़ित व्यक्ति से दूर रहना चाहिए।
- मंकीपॉक्स वायरस से संक्रमित जानवरों के संपर्क में भी आने से मंकीपॉक्स वायरस फैलता है, जो इसके फैलने के सबसे बड़े कारणों में से एक है।
मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण :
मंकीपॉक्स वायरस के निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं –
- मंकीपॉक्स वायरस के कारण शरीर और मांस पेशियों में दर्द होता है। मंकीपॉक्स वायरस के लक्षणों में यह शामिल है।
- बार बार तेज बुखार आना मंकीपॉक्स वायरस का एक लक्षण है।
- मंकीपॉक्स वायरस के कारण शरीर 14 से 21 दिन तक पीड़ित रहता है और बदन दर्द भी बहुत अधिक होता है।
- मंकीपॉक्स वायरस के कारण लगातार गले में खराश होने लगती है ।
- मंकीपॉक्स वायरस से पीड़ित होने से लोगों के शरीर में खुजली होने लगता है तथा दाने या चकत्ते पूरे शरीर में उभरने लगते हैं।
- मंकीपॉक्स वायरस से पीड़ित होने के कारण कई दिनों तक शरीर सुस्त सा महसूस होने लगता है।
- मंकीपॉक्स वायरस के प्रभाव से शरीर बहुत ही कमजोर हो जाता है।
- मंकीपॉक्स वायरस होने पर लिंफनोड्स पर सूजन होने लगती है। लिंफनोड्स में सूजन का होना मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण का मुख्य लक्षण है।
मंकीपॉक्स वायरस से बचाव कैसे करें :
मंकीपॉक्स वायरस से बचाव के लिए आप निम्न तरीकों को अपना सकते हैं-
- मंकीपॉक्स वायरस से बचने के लिए सरकार द्वारा दिए गए निर्देशकों का पालन करें और वायरस से बचाव संबंधित जानकारियों से अवेयर रहें।
- मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण दिखने पर घबराने के बजाय तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें।
- मंकीपॉक्स वायरस होने पर इसमें चेचक का टीका लगाया जाता है, इसलिए चेचक का ही टीका यानी वैक्सीन जरूर लगवाएं।
- मंकीपॉक्स वायरस से पीड़ित व्यक्ति से दूरी बना कर रहें।
- यदि आप मंकीपॉक्स वायरस से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आ जाते हैं, तो आप अच्छे से साबुन से हाथ धोएं और सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
- मंकीपॉक्स वायरस से बचने के लिए घर से बाहर निकलते वक्त अवश्य मास्क पहनें और सामाजिक दूरी बनाए रखें।
मंकीपॉक्स वायरस के उपचार :
वैसे तो अब तक मंकीपॉक्स वायरस का कोई समाधान नहीं निकला है, लेकिन चेचक का टीका मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण को रोकने में लगभग 80 प्रतिशत तक प्रभावशाली साबित हुआ है। चेचक का टीका लगा लेने से आप मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से बच सकते हैं। इसके अलावा एंटीवायरल और वैक्सीनियाइम्यूनग्लोब्युलिन (VIG) का प्रयोग करें। UK के स्वास्थ सुरक्षा एजेंसी ने मंकीपॉक्स वायरस को कम जोखिम वाला संक्रमण बताया है लेकिन इसके बावजूद आपको इसके बारे में जानकारी होनी जरूरी है।
मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण का खतरा खासकर के मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में देखा गया है। जो लोग इस क्षेत्र में यात्रा कर रहे हैं या फिर हाल ही में यात्रा कर चुके हैं तथा जो लोग यहां से आयात किए गए जानवरों के साथ संपर्क में रहे हैं उन लोगों को मंकीपॉक्स वायरस संक्रमण होने का खतरा अधिक है।
Monkeypox vs Chickenpox :
वैसे तो मंकीपॉक्स वायरस, चिकन पॉक्स से कुछ ज्यादा अलग नहीं है, क्योंकि इसके लक्षण लगभग चिकन पॉक्स के समान होती है। जैसे कि चिकन पॉक्स में शरीर में बड़े-बड़े फफोले बन जाते हैं वैसे ही मंकीपॉक्स वायरस के प्रभाव से भी शरीर में फफोले होने लगते हैं। इसके अलावा और भी कई ऐसे लक्षण हैं, जो दोनों में समान ही दिखते हैं, लेकिन मंकीपॉक्स वायरस होने पर लिंफनोड्स पर सूजन होने लगती है, जो चिकन पॉक्स में नहीं होता।
निष्कर्ष :
हम उम्मीद करते हैं कि Monkeypox virus kya hai के इस आर्टिकल में दी गई सभी जानकारी आपको पसंद आई होगी और आपके लिए मंकीपॉक्स वायरस से बचाव के तरीके भी फायदेमंद रहेंगे। यह जानकारी पसंद आने पर अपने दोस्तों के साथ इसे जरूर शेयर करें ताकि उन्हें भी मंकीपॉक्स वायरस के बारे में सभी जानकारी पता चल सके।