Bajrang Punia biography in Hindi

By | August 7, 2022
Bajrang Punia biography in Hindi

Bajrang Punia biography in Hindi

दोस्तों! हमारे इस आर्टिकल में आपका स्वागत है, आज हम आपको भारत के फ्रीस्टाइल पहलवान के बारे में बताने वाले हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं हरियाणा के लोगों के दिलों में अपनी जगह बनाने वाले बजरंग पुनिया का जीवन परिचय हिंदी में (Bajrang Punia biography in Hindi)। बजरंग पूनिया के जीवन (Bajrang Punia ki jivani) परिचय में आज हम उनके प्रारंभिक जीवन एवं उनके कठिन परिश्रम तथा उनके जीवन से जुड़ी हुए सभी महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में आज हम जानेंगे। तो चलिए आज हम जानते हैं की Bajrang Punia kaun hai के बारे में :-

बजरंग पुनिया (Bajrang Punia)

बजरंग पुनिया एक बहुत ही काबिल कुश्ती बाज के रूप में जाने जाते हैं। यह भारत के एक फ्रीस्टाइल पहलवान है। बजरंग पुनिया विश्व कुश्ती चैंपियनशिप में तीन पदक जीतने वाले एकमात्र भारतीय पहलवान हैं। टोक्यो में चल रहे ओलंपिक 2021 में बजरंग पुनिया सेमीफाइनल तक पहुंचे थे परंतु वहां उनका प्रदर्शन उतना अच्छा नहीं रहा एवं वे फाइनल तक नहीं पहुंच पाए। परंतु आपको यह जानकर बेहद खुशी होगी कि भले ही बजरंग पुनिया सेमीफाइनल में हार गए परंतु उन्होंने ब्रोंज मेडल के मुकाबले में 8-0 में जीत हासिल करके अपने नाम कांस्य पदक यानी ब्रांच मेडल कर लिया और भारत को गौरवान्वित किया। बजरंग पुनिया वेट कैटेगरी में एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले विश्व के नंबर वन पहलवान के रूप में जाने जाते हैं।

बजरंग पुनिया का प्रारंभिक जीवन (Early life of Bajrang Punia)

बजरंग पुनिया का जन्म 26 फरवरी, 1994 को भारत देश में स्थित हरियाणा राज्य के झज्जर जिले के एक छोटे से खुदन गांव के जाट हिंदू परिवार में हुआ। बजरंग पुनिया के पिता (Bajrang Punia Father) का नाम बलवान सिंह पुनिया है एवं यह भी एक पेशेवर पहलवान है। इनकी माता (Bajrang Punia Mother) का नाम ओम प्यारी है। इसके अलावा बजरंग पुनिया का एक भाई है जिसका नाम हरेंद्र पुनिया हैं एवं यह भी एक पहलवान है।

बजरंग पुनिया की शादीशुदा जिंदगी (Married life of Bajrang Punia)

बजरंग पुनिया की शादी 25 नवंबर 2020 को संगीता फोगाट नामक एक महिला के साथ हुई है। बजरंग पुनिया की शादी लॉकडाउन की वजह से 21 बारातियों के साथ पूरे रीति-रिवाजों के साथ हुई थी। वे केवल 21 बारातियों के साथ अपनी दुल्हन लेने गए थे।

बजरंग पूनिया की नागरिकता एवं धर्म  (Citizenship and Religion of Bajrang Punia)

पहलवान बजरंग पुनिया भारतीय नागरिकता रखते हैं। इसके अलावा वह हिंदू धर्म के जाट परिवार से ताल्लुक रखते हैं।

बजरंग पुनिया की शिक्षा (Education of Bajrang Punia)

बजरंग पुनिया का पहलवानी के साथ-साथ शिक्षा में भी बहुत अच्छा प्रदर्शन हैं। पहलवान बजरंग पुनिया ने अपने गांव के विद्यालय से ही अपना प्राइमरी एजुकेशन पूरा किया था। उन्होंने मात्र 7 वर्ष की उम्र से ही कुश्ती खेलना प्रारंभ कर दिया था, जिसमें उन्हें उनके पिता का बहुत सहयोग भी प्राप्त हुआ। बजरंग पुनिया ने महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से अच्छे प्रदर्शन एवं मेहनत से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया। इसके अलावा उन्होंने एक टिकट चेकर के रूप में इंडियन रेलवे में भी काफी समय तक काम किया है। पहलवान बजरंग पुनिया के कोच योगेश्वर दत्त है।

बजरंग पुनिया का करियर (Bajrang Punia career)

बजरंग पुनिया के करियर की शुरुआत 2013 से हुई थी जब उन्होंने पहलवानी या कुश्ती के फील्ड पर अपना पहला कदम (Bajrang Punia in wrestling) रखा था। दिल्ली में हुए एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप 2013 में बजरंग पूनिया ने भाग लिया था जहां पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद वर्ष 2013 में ही उन्होंने हंगरी में वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप बुद्धा पेस्ट में वर्ग 60 किलोग्राम की कैटेगरी में जीत हासिल कर अपने नाम कांस्य पदक कर लिया था। आगे चलकर इन्होंने साल 2014 में स्कॉटलैंड में आयोजित हुए राष्ट्रमंडल खेल, ग्लास्गो में 61 किलोग्राम वर्ग की कैटेगरी में गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया था।

इसके बाद बजरंग पुनिया ने साल 2017 के दौरान दक्षिण कोरिया में आयोजित किए गए एशियाई खेल में फिर से अपने नाम गोल्ड मेडल को हासिल किया था, उसी साल 2017 में बजरंग पुनिया ने दिल्ली में आयोजित किए गए एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में एक बार फिर से गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा वर्ष 2018 में बजरंग पुनिया ने राष्ट्रमंडल खेल में फिर से गोल्ड मेडल हासिल किया। उसके बाद वर्ष 2021 में पहलवान बजरंग पुनिया ने एशियन गेम्स में एक बार फिर गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इस तरह बजरंग पुनिया ने अब तक 5 गोल्ड मेडल, 4 सिल्वर मेडल, एवं तीन ब्रोंज मेडल अलग-अलग गेम्स में हासिल कर लिया है।

पहलवान के तौर पर बजरंग पूनिया को मिले पुरस्कार (Bajrang Punia got the award as a wrestler)

साल 2013 के दौरान बजरंग पुनिया को डेव स्चुल्ज़ मेमोरियल टूर्नामेंट में सिल्वर पुरस्कार दिया गया था एवं वर्ष 2015 के दौरान डेव स्चुल्ज़ मेमोरियल टूर्नामेंट में बजरंग पुनिया ने एक बार फिर सिल्वर मेडल को हासिल किया था। वर्ष 2015 में पहलवान बजरंग पूनिया ने भारत सरकार की तरफ से अर्जुन अवार्ड हासिल किया था। इसके बाद साल 2019 के दौरान सेंट्रल गवर्नमेंट की तरफ से बजरंग पुनिया को पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा 29 अगस्त, 2019 को राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड से बजरंग पूनिया को सम्मानित किया गया था।

बजरंग पूनिया की पसंदीदा चीजें (Favorite things of Bajrang Punia)

पहलवान बजरंग पुनिया का पसंदीदा भोजन चूरमा है। उन्हें खेलों में फुटबॉल खेलना, बास्केट बॉल खेलना, एवं रिवर राफ्टिंग करना अत्यधिक पसंद है। बजरंग पुनिया के पसंदीदा पहलवानों में कप्तान योगेश्वर दत्त एवं कप्तान चंद्रगुप्त रहे हैं। कप्तान योगेश्वर दत्त बजरंग पुनिया के कोच भी है।

बजरंग पुनिया कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 (Common Wealth Game 2022)

कॉमन वैल्थ गेम 2022 में भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने मेंस वर्ग 65 किलोग्राम के फाइनल में कनाडा के रहने वाले लचलान मेकनीला को हराकर गोल्ड मेडल प्राप्त करके भारत को अत्यधिक गौरवान्वित किया है।

बजरंग पुनिया का डाइट प्लान (Bajrang Punia diet plan)

अपने इंटरव्यू के दौरान पहलवान बजरंग पुनिया ने कहा था कि हरियाणा की मिट्टी में ही पहलवान बनने के गुण हैं। वे कहते हैं कि वे बचपन से ही दही, दूध और घी खाकर मिट्टी में खेलने जाया करते थे। इसी चीज से वे आधे पहलवान बन चुके थे। मिट्टी में दंगल का खेल हुआ करता था जिसमें पैसे दिए जाते थे। इसी पैसे की वजह से वे अक्सर कुश्ती खेलने जाया करते थे। आज भी वे दूध, घी और दही को अपने डाइट प्लान में शामिल करते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी यह पोस्ट बजरंग पूनिया की जीवनी (Bajrang Punia biography in Hindi) अच्छी लगी होगी। इस पोस्ट के जरिए आपको बजरंग पूनिया की जीवनी से जुड़े सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त हो चुके होंगे। इस पोस्ट में हमने इनके शुरुआती सफर से लेकर किस तरह इन्होंने भारत को भिन्न भिन्न प्रकार के पुरस्कार प्राप्त करके गौरवान्वित किया है एवं धीरे-धीरे कैसे उपलब्धियां हासिल की इन सभी जानकारी का जिक्र किया है। जिस तरह बजरंग पूनिया ने टोक्यो ओलंपिक के सेमीफाइनल में हार कर भी ब्रोंज मेडल हासिल किया हमें इनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए कि जिंदगी में हमें निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों को अवश्य शेयर करें ताकि उन्हें भी बजरंग पूनिया के जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त हो सके।

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